उत्तराखंड में सुगम-दुर्गम में उलझे कर्मचारी, कई पदों पर नहीं हो पाएंगे तबादले, सरकार के फरमान से कर्मचारियों में रोष

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देहरादून। कोरोना की वजह से पिछले दो साल से तबादले नहीं हो पाए। इस साल सरकार ने तय कर दिया है कि 15 प्रतिशत ही तबादले होंगे। उत्तराखंड परिवहन मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के मुताबिक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर दस अधिकारी तैनात हैं। इनमें से एक सुगम से दुर्गम के पात्र हैं तो तीन दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। 15 प्रतिशत के क्राइटेरिया के हिसाब से देखें तो केवल 1.5 कर्मचारी ही ट्रांसफर हो सकेंगे।

इसी प्रकार, वरिष्ठ प्रशासनिक के 24 में से नौ सुगम से दुर्गम और दो दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। प्रशासनिक अधिकारी के 23 में से 17 सुगम से दुर्गम और चार दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। प्रधान सहायक के पद पर 53 में से 37 सुगम से दुर्गम और 10 दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। वरिष्ठ सहायक के पद पर 89 में से 42 सुगम से दुर्गम और 27 दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। कनिष्ठ सहायक के 24 में से एक सुगम से दुर्गम और दो दुर्गम से सुगम के पात्र हैं। इन सभी पर 15 प्रतिशत का नियम लागू करें तो इनमें से कई पदों पर तो एक भी तबादला नहीं हो पाएगा। उनका कहना है कि इनमें कई ऐसे कर्मचारी हैं जो कि निर्धारित दस साल के बजाय दुर्गम में 14 से 15 साल सेवाएं दे चुके हैं।

ऐसे हालात में अगर उन्हें इस बार भी सुगम में आने का मौका नहीं मिला तो यह नियमों का भी उल्लंघन होगा। उन्होंने मांग की है कि मुख्य सचिव के निर्देशों के तहत जरूरत पड़ने पर 15 प्रतिशत से अधिक तबादले किए जा सकते हैं। लिहाजा, परिवहन विभाग में भी अधिक तबादले किए जाएं।





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Samachaar India

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