जस्टिस उदय उमेश ललित हो सकते हैं देश के अगले चीफ जस्टिस, ले चुके हैं कई ऐतिहासिक फैसले

Spread the love


नई दिल्ली। सीजेआई एन वी रमन्ना ने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश की है। सीजेआई रमन्ना ने गुरुवार को जस्टिस ललित को उनकी अनुशंसा का ये पत्र सुपुर्द किया है। परंपरा के अनुसार सीजेआई अपनी सेवानिवृति से एक माह पूर्व देश के अगले सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हैं। वर्तमान सीजेआई एनवी रमन्ना इसी माह की 26 अगस्त को सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में उन्हे 26 जुलाई को ये सिफारिश की जानी थी। एक सप्ताह इंतजार करने के बाद कानून मंत्रालय ने अगले सीजेआई के नाम के लिए बुधवार को ही सीजेआई को पत्र लिखा था।

कौन हैं जस्टिस उदय उमेश ललित
9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र में जन्मे जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और नालसा के एक्जीक्यूटिव चौयरमेन हैं। जस्टिस यूयू ललित ने जून 1983 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर प्रेक्टिस करते हुए अपने करियर की शुरुआत की थी। वर्ष 1986 से 1992 तक जस्टिस ललित ने देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ कार्य किया। सुप्रीम कोर्ट में 18 साल की वकालत के बाद उन्हें अप्रैल 2004 में सीनियर एडवोकेट मनोनीत किया गया। जस्टिस ललित के पिता जस्टिस आर यू ललित भी बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में एडीशनल जज रहे हैं।

जस्टिस ललित ले चुके हैं कई ऐतिहासिक फैसले
भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बनने की कतार में शामिल उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू.यू. ललित मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अगस्त 2017 में 3-2 के बहुमत से ‘तीन तलाक’ को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, उन तीन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति ललित भी थे।

न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत एक मामले में बंबई उच्च न्यायालय के ‘‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’’ संबंधी विवादित फैसले को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यौन हमले का सबसे महत्वपूर्ण घटक यौन मंशा है, बच्चों की त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में न्यायमूर्ति ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास केरल में ऐतिहासिक पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार है।





Source link

Samachaar India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *