नियमों की अनदेखी करने और कानून का पालन नहीं करने पर मसूरी के एक होटल को संयुक्त टीम ने किया सील

नियमों की अनदेखी करने और कानून का पालन नहीं करने पर मसूरी के एक होटल को संयुक्त टीम ने किया सील

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मसूरी। नियमों की अनदेखी करने और कानून का पालन नहीं करने पर संयुक्त टीम ने शहर में एक होटल को सील किया। इसके साथ ही कई अन्य का लाइसेंस निरस्त कर जुर्माना लगाया।मंगलवार को एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल के नेतृत्व में पर्यटन विभाग, एमडीडीए, नगर पालिका मसूरी तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली की संयुक्त टीम ने होटलों, स्पा सेंटर, रिसार्ट तथा शराब की दुकानों का निरीक्षण किया। बड़ा मोड़ स्थित होटल इंडिया को पूर्णत: सील किया गया।

होटल सालिटेयर प्लाजा पर 1,90,000 लाख का जुर्माना

होटल प्रतीक्षा के चार कमरे सीज कर बीस हजार का जुर्माना लगाया गया। होटल सालिटेयर प्लाजा पर 1,90,000 लाख का जुर्माना, लंढौर स्थित होटल आशीर्वाद के ऊपर की दो मंजिल, जिसमें दस कमरे व एक स्वीमिंग पूल बना है, को सीज कर दस हजार जुर्माना, होटल वेस्टर्न काटेज का लाइसेंस निरस्त कर दस हजार का जुर्माना लगायात्र।

संजय जैन होम स्टे का लाइसेंस निरस्त

होटल शिवालिक पर 1,24,000 लाख जुर्माना, संजय जैन होम स्टे का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना, होटल अमर ग्रांट का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना, जायसवाल होम स्टे का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना लगाया गया।

वाइन शाप के निरीक्षण में पाई अनियमितता

इसके साथ ही लंढौर स्थित वाइन शाप के निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर 15 हजार जुर्माना लगाया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस अधिनियम धारा 83 में चार चालन किए गए और 40,000 जुर्माना लगाया गया। टीम में अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी, एमडीडीए के अवर अभियंता मनवीर सिंह पंवार, नायब तहसीलदार भौपाल सिंह चौहान, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दिग्पाल सिंह कोहली, जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान आदि शामिल रहे।

जांच के रुपये अपने खाते में डलवा रहे कर्मचारी

दून मेडिकल कालेज अस्पताल की केंद्रीय लैब में कर्मचारी खून की जांच का पैसा अपने खातों में डलवा रहे हैं। ऐसा एक मामला सामने आया है। जिसपर लैब प्रभारी ने जांच शुरू कर दी है।

लैब प्रभारी डा. शशि उप्रेती ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि गुरुवार को एक मरीज विद्या ने आनलाइन भुगतान के लिए बिलिंग काउंटर पर संपर्क किया। उनके पास नकदी नहीं होने पर उन्होंने गूगल पे करने को कहा, पर अस्पताल में ऐसी व्यवस्था नहीं है। पता चला कि एक महिला कर्मचारी ने 1300 रुपये अपने खाते पर आनलाइन ट्रांसफर करा दिए।

किसी से भी अपने खाते रुपये लेना गलत बात

एक कर्मचारी का नंबर भी रिपोर्ट लेने के लिए दिया गया, लेकिन बिल नहीं कटवाया गया। बताया कि अफसरों को जानकारी पर कर्मचारियों ने उक्त मरीज को फोन कर बुलाया और अगले दिन बिल कटवाया। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड बिलिंग की व्यवस्था है। किसी से भी अपने खाते रुपये लेना गलत बात है। पीओसीटी के अफसरों ने बताया कि दोनों कर्मचारी हटा दिए हैं। उधर, पूर्व में भी इस तरह के कार्य किए जाने की बात सामने आई है। वहीं अस्पताल में आनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू करने की मांग मरीज करते रहे हैं। इस ओर पहल न होने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।



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Samachaar India

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