नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से बनाई दूरी, तो क्या नीति आयोग द्वारा बिहार को विकसित राज्यों की रैंकिंग में नीचे रखे जाने से है नाराजगी..?

नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से बनाई दूरी, तो क्या नीति आयोग द्वारा बिहार को विकसित राज्यों की रैंकिंग में नीचे रखे जाने से है नाराजगी..?

[ad_1]

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पीएम मोदी संग बैठक में शामिल नहीं होंगे। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक से नीतीश कुमार नदारद रहेंगे। कोरोना से अभी ठीक हुए नीतीश कुमार अपने उप-मुख्यमंत्री को बैठक में भेजना चाहते थे, लेकिन उनसे कहा गया कि इसमें केवल मुख्यमंत्री ही शामिल हो सकते हैं, उनका कोई प्रतिनिधि नहीं। ऐसे में बिहार से इस बार कोई प्रतिनिधित्व पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में नहीं होगा हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक, नीतीश कुमार के हर सोमवार को बुलाए जाने वाले जनता दरबार में मौजूद रहने की संभावना है। उनके स्वास्थ्य की वजह से पिछले कुछ हफ्ते से जनता दरबार नहीं लगाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार नीति आयोग की रैंकिंग से नाराज रहते हैं, जिसमें बिहार को विकसित राज्यों में हमेशा सबसे नीचे रखा जाता है।

इससे पहले नीतीश कुमार तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में पीएम मोदी द्वारा आयोजित भोज से भी दूर रहे थे। फिर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुए। इसके अलावा नीतीश कुमार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। इसमें उन्होंने अपने उप-मुख्यमंत्री को भेज दिया था। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात अगस्त को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पीएमओ के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान फसल विविधीकरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। यह जुलाई, 2019 के बाद आमने-सामने बैठकर संचालन परिषद की पहली बैठक होगी. परिषद के सदस्यों में सभी मुख्यमंत्री शामिल हैं. प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं।

आमतौर पर पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है। पिछले साल 20 फरवरी को मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक हुई थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में परिषद की बैठक नहीं बुलाई गई थी। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में होने वाली इस बैठक के एजेंडा में फसल विविधीकरण, तिलहन, दलहन और कृषि-समुदाय में आत्मनिर्भरता हासिल करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन और शहरी शासन शामिल हैं।



[ad_2]

Source link

Samachaar India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *