बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति इस साल की बद्री-केदार यात्रा से हुई गदगद, जानिए वजह

बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति इस साल की बद्री-केदार यात्रा से हुई गदगद, जानिए वजह

चमोली। बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति इस साल की बद्रीनाथ-केदार यात्रा से गदगद है। समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंदिर समिति के जोशीमठ स्थित कार्यालय में बताया कि बीते सीजन में 33.26 लाख तीर्थ यात्रियों ने बद्री-केदार धाम में दर्शन किए, जिनसे दोनों धाम में 60 करोड़ की धनराशि दानस्वरूप प्राप्त हुई। इसके अलावा महाराष्ट्र के एक दानी परिवार ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित भी किया

 बद्री- केदारनाथ में कितनी हुई आय

पत्रकारों से बातचीत में अध्यक्ष अजेंद्र ने बताया कि इस बार 1763549 तीर्थ यात्री बदरीनाथ और 1563275 तीर्थ यात्री केदारनाथ दर्शनों को पहुंचे। बताया कि तीर्थ यात्रियों से बदरीनाथ धाम को 34.5 करोड़ की आय हुई, जबकि वर्ष 2019 में 27 करोड़ की आय हुई थी। इसी तरह केदारनाथ धाम को इस बार 25.5 करोड़ की आय हुई, जबकि वर्ष 2019 में 17.5 करोड़ की आय हुई थी।बताया कि यात्रा काल समाप्त होने के बाद अब शीतकालीन पूजा स्थलों के समुचित प्रबंधन और विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

अजेंद्र ने बताया कि भगवान बदरी नारायण के शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ स्थित नृसिंह बदरी मंदिर में पार्किंग और योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में सुंदरीकरण के कार्य चल रहे हैंजबकि, केदारनाथ धाम में जनआस्था के अनुरूप भगवान ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का विस्तारीकरण, त्रियुगीनारायण मंदिर में प्रसाद योजना से सुंदरीकरण और केदारनाथ धाम में प्रशासनिक भवन, रावल निवास व कर्मचारी निवास का कार्य गतिमान है। वहीं भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी व देवताओं के खजांची कुबेरजी की उत्सव डोली और और आदि शंकराचार्य की गद्दी यात्रा सेना के बैंड व लोक वाद्यों की मधुर लहरियों के बीच पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पहुंच गई है। अब इसके बाद पांडुकेश्वर व जोशीमठ में भगवान बदरी नारायण की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गई हैं।

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