उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की मुहिम, प्रदेश के कारागारों में चलेगा हैपेटाइटिस बी,सी, का निशुल्क जांच का अभियान

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की मुहिम, प्रदेश के कारागारों में चलेगा हैपेटाइटिस बी,सी, का निशुल्क जांच का अभियान

[ad_1]

देहरादून । विश्व हैपेटाइटिस दिवस के अवसर पर दिनांक 28 जुलाई 2022 से 04 अगस्त 2022 तक प्रदेश के कारागारों में निरूद्ध बंदियों की हैपेटाइटिस बी एवं सी की निरूशुल्क जांच अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस अवसर पर राधिका झा, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा भारत सरकार की इस मुहिम को व्यापक पैमाने पर पहुंचाने के लिए राज्य से ले कर जिला स्तर पर गाँव गाँव में जनजागरूकता के विभिन्न कार्यक्रमों एवं माध्यमों द्वारा बीमारी के बचाव के संबंध में प्रचार प्रसार करने के साथ क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल सम्पादन हेतु विभाग को कार्य करने पर बल दिया है।

डॉ. आर राजेश कुमार, प्रभारी सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बताया गया कि कैम्पेन मोड में चल रहा यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) के अंतर्गत संचालित हो रहा है। इस अभियान में मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेशित कर सभी जिला कारागार, उप-कारागार, केन्द्रीय कारागार में हेपैटाईटिस बी एवं सी के संक्रमित बंदियों का उपचार सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि इस अभियान में प्रीजन इंटरवेंशन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जहां कारागारों में एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र की सुविधा एवं निरूद्ध बंदियों को एच.आई.वी. जांच एवं परामर्श प्रदान किया जा रहा है।

डा. सरोज नैथानी, निदेशक, एनएचएम द्वारा बताया गया कि इस अभियान के सफल संचालन हेतु प्रत्येक जनपद स्तर पर गठित टीम को कारागारों में वांछित सहयोग प्रदान किया जाता है एवं कारागारों के मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ एवं प्रिज़न पीयर वॉलेन्टीयर की ट्रेनिंग भी करायी जाती है। वर्तमान समय में जिला कारागार हरिद्वार में 247, हल्द्वानी में 132, टिहरी में 120 एवं अल्मोड़ा में 50 बंदियों की हैपेटाइटिस बी एवं सी की निरूशुल्क जांच की गयी है। डा. नैथानी द्वारा बताया गया कि एच.आई.वी./एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु भारत में एचआईवी संक्रमण के खिलाफ एकजुटता और कार्रवाई (साथी) प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से अलग-अलग कार्यक्रम किये जाते हैं। जिनमें संवेदना कार्यक्रम के अन्तर्गत माँ से बच्चे मंत संचरण का उन्मूलन को सुदृढ़ किया जाता है। वहीं, मिश्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत चिकित्साधिकारियों, नर्स, लैब पर्सनल, फार्मासिस्ट, डाटा मैनेजर आदि कार्मिकों का क्षमता विकास किया जाता है। जिसके क्रम में शुभ शिक्षा के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न कारागारों में एच.आई.वी., टी.बी., एस.टी.आई. एवं हैपेटाइटिस आदि सेवायें प्रदान किये जाने हेतु टीम का गठन किया गया है।



[ad_2]

Source link

Samachaar India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *