लोकपर्व ‘इगास‘ पर प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को बेडू ग्रुप ने भेंट की स्थानीय उत्पादों की ‘समूण‘

लोकपर्व ‘इगास‘ पर प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को बेडू ग्रुप ने भेंट की स्थानीय उत्पादों की ‘समूण‘

डॉ आर राजेश कुमार ने की ‘बेडू ग्रुप‘ की वोकल फॉर लोकल मुहिम की सराहना

देहरादून। उत्तराखंड में हर्बल उत्पादों को लेकर काम कर रहे बेडू ग्रुप के सदस्यों ने लोकपर्व ‘इगास‘ पर प्रभारी सचिव स्वास्थ्य व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार से मुलाकात कर उन्हें बेडू के बने हर्बल उत्पादों के साथ ही स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट की। डॉ आर राजेश कुमार ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की बेडू ग्रुप की मुहिम की सराहना की।

उत्तराखंड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के बिजनी छोटी में हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रहे बेडू ग्रुप ने इस बार इगास पर स्थानीय उत्पादों की ‘समूण भेंट‘ करने की मुहिम शुरू की हुई है। बेडू ग्रुप का प्रयास है लोकपर्व इगास को सभी लोग अपने पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ मनाने के अलावा एक-दूसरे को स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट करें। इसी कड़ी में बेडू ग्रुप के सदस्यों अमित अमोली, अवधेश नौटियाल और रमन जायसवाल ने प्रदेश के प्रभारी सचिव स्वास्थ्य व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार से मुलाकात कर उन्हें बेडू के बने हर्बल उत्पादों के साथ ही स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट की। इस समूण में पारंपरिक व्यजन रोट, अरसे, बाल मिठाई, सिंगोरी सहित बेडू ग्रुप के द्वारा तैयार की गई हर्बल उत्पादों की किट है।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार सभी प्रदेशवासियों को इगास पर्व की शुभकामनाएं देते हुए सुख समृद्वि की कामना की। डॉ आर राजेश कुमार ने बेडू ग्रुप की मुहिम की सराहना करते हुए आम जनमानस से इस मुहिम में जुड़ने का आहवान किया ताकि संस्कृति, व उत्पादकता के संबर्धन के साथ ही स्थानीय उत्पादों से जुड़े लोगों के चेहरों पर भी इगास में खुशियां देखने को मिले। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा राज्य में पलायन बहुत बड़ी समस्या है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पलायन की बड़ी वजह है। जानकार खुशी हुई कि बेडू ग्रुप के सदस्यों ने रिर्बस पलायन कर राज्य में हर्बल उत्पादों के निर्माण की शुरूआत की है। इसके साथ ही इगास के मौके पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले इसको लेकर समूण भेंट करने की परंपरा की शुरूआत की है यह अच्छी पहल है।

डॉ. आर. राजेश कुमार ने वोकल फोर लोकल सोच को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। यदि हम पहाड़ी उत्पादों को प्रचलित करने में सहयोग देते हैं। तीज त्यौहारों अन्य मौकों पर यदि हम पहाड़ी उत्पादों पर खर्च करने का प्रण लेते हैं तो हमारे पहाड़ के उत्पादक, काश्तकारों और वहां की बड़ी आबादी को काम मिलेगा। उनका पलायन रुकेगा और जीवन स्तर में सुधार होगा। उन्होंने बेडू ग्रुप की पहल की सराहना करते हुए लोगों से अपील भी कि है कि इगास पर्व की सार्थकता तभी है जब हम इस पर्व को अपनी संस्कृति, प्रकृति और उत्पादकता से जोड़ें।

अमित अमोली ने प्रभारी स्वास्थ्य सचिव को बेडू ग्रुप द्वारा तैयार किये जा रहे हर्बल प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने यह सब प्रोडक्ट आमजनमानस के स्वास्थ्य औऱ पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाये है, साथ ही जन सामान्य के लिये किफायती दरों में उपलब्ध कराए है। हमारी हर्बल उत्पादों की टीम में स्थानीय 100 से अधिक लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है यह सभी पूंजी लगाने के साथ बेडू को ब्रांड बनाने में योगदान दे रहे हैं। बेडू के जो प्रोडक्ट लांच हुए है उनमें सेनेटाइजर, हैंड वाश, बॉडी लोशन, हेयर ऑयल, हैंड मेड गोट मिल्क कोकोनट एंड वनीला साबुन, हैंड मेड चारकोल एंड वनीला साबुन, कंडेशनिंग हेयर क्लीनर, मॉश्चराइजिंग बॉडी वाश, हैड वाश, मॉश्चराइजिंग एंड बॉडी लोशन, फेस वॉश, सनस्क्रीन लोशन, प्यूरिफाइंग उबटन, हिमालयन पिंक साल्ट स्क्रब एंड बॉडी पॉलिशर, वालनट फेस स्क्रब आदि लॉन्च हो गए हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं।

अमित अमोली ने बताया यह हमारी एक छोटी सी कोशिश है कि हम त्योहारों पर अपने पहाड़ी व्यंजनों अपने स्थानीय उत्पादों को न भूले। बल्कि यदि पीज्जा, चाउमिन को अपना रहे हैं तो कोदा-झंगोरा को भी प्रश्रय दें। इन उत्पादों से बने व्यंजनों से पहाड़ आबाद हो सकता है। एक दूसरे को दिये जाने वाले उपहारों में भी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। जरा सोचिए। अपनी जड़ों से जुड़े। माटी और थाती से जुड़े। देखना विकास के नये आयाम स्थापित होंगे तब विकास के लिए हमें सरकारों पर निर्भर नहीं रहना होगा। उन्होंने कहा हमारा मकसद सिर्फ पलायन रोकना नहीं बल्कि रिवर्स माइग्रेशन करवाना भी है ताकि हमारे लोग अपनी जड़ों की ओर वापस लौटे। इगास पर हम सब संकल्प लें कि पहाड़ की जवानी और पानी पहाड़ के काम आए।

Samachaar India

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