विधायकी रद्द होने पर रहेगी कुर्सी या नहीं.? दोबारा कैसे सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन, पढ़ें सभी सवालों के जवाब

विधायकी रद्द होने पर रहेगी कुर्सी या नहीं.? दोबारा कैसे सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन, पढ़ें सभी सवालों के जवाब

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रायपुर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी कभी भी जा सकती है। चुनाव आयोग ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मामले में राज्यपाल को रिपोर्ट दी है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री पर कार्रवाई की सिफारिश कर सकते हैं। राज्य में जारी राजनीतिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची स्थित अपने आवास पर गठबंधन के सभी विधायकों के साथ बैठक की। अचानक ऐसा क्या हो गया कि हेमंत सोरेन की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। आखिर ये खनन लीज मामला क्या है, जिसकी आंच मुख्यमंत्री तक पहुंच गई? खनन लीज में भ्रष्टाचार कैसे हुआ और अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ.?

खनन लीज मामले में कैसे आया मुख्यमंत्री का नाम?
इसी साल 12 फरवरी की बात है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुबर दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कई दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पिछले साल रांची में अपने नाम पर पत्थर उत्खनन पट्टे के लिए स्वीकृति प्राप्त की। पट्टे को मंजूरी देने वाले खनन विभाग के दस्तावेज दिखाते हुए उन्होंने सोरेने पर जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया। रघुबर दास ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने दावा किया कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति ली है। पद के दुरुपयोग का आरोप लगाकर भाजपा ने राज्यपाल से इसकी शिकायत की और सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की।

जांच शुरू हुई तो सोरेन लौटा दिया पट्टा
राज्यपाल ने मामले की जांच कराई और फिर चुनाव आयोग से रिपोर्ट मांगी। करीब दो महीने चली कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट दे दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें हेमंत सोरेन को दोषी मानते हुए उनकी विधायकी रद्द करने की सलाह दी गई है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद सोरेन ने अपने नाम पर जारी खनन पट्टे को वापस लौटा दिया। आने वाले तीन से चार दिन में सोरेन पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत अयोग्यता की कार्रवाई हो सकती है।

एक नहीं चार मोर्चे पर घिरे हैं हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अयोग्ता की तलवार लटक रही है। इसके साथ ही तीन और मोर्चों पर उनकी मुश्किल बढ़ सकती है।

ये तीन मोर्च हैं
खनन पट्टे से जुड़े मामले में जहां एक ओर उनकी ओग्यता को लेकर जांच चल रही है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में कोर्ट में भी जनहित याचिका लगी हुई है। झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में सोरेन पर खदान लीज लेने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है।

वहीं, एक अन्य याचिका में हेमंत सोरेन, भाई बसंत सोरेन और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियां चलाने की भी सीबीआई जांच की मांग की गई है। इस मामले में सोरेन सुप्रीम कोर्ट गए हैं। सोरेन ने जनहित याचिका की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन के फौरी राहत दी। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा और तब तक हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी।

करीबी आईएएस अफसर की वजह से सोरेन की मुश्किलें बढ़ीं
मुख्यमंत्री सोरेन की करीबी आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की वजह से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सिंघल इस वक्त ईडी की गिरफ्त में हैं। सिंघल पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं। इसी साल मई में ईडी ने पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके अलावा पूजा और अभिषेक के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार समेत उनके करीबियों के यहां भी छापेमारी की। इस दौरान सुमन के घर से 19.31 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ।

सुमन को गिरफ्तार कर लिया गया। पूजा और अभिषेक के घर से मिले दस्तावेजों से करोड़ रुपये के हेरफेर में कई बड़े नामों के शामिल होने बात सामने आ रही है। मनरेगा घोटाले से शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय की जांच राज्य के खान विभाग तक पहुंच चुकी है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस जांच में झारखंड में करीब 4000 करोड़ के अवैध खनन के काले कारोबार का पर्दाफाश हो सकता है।

मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल के खिलाफ शुरू हुई जांच हेमंत सोरेन का करीबियों तक पहुंच चुकी है। इसके बाद शुरू हुई ईडी की जांच के दायरे में मुख्यमंत्री के कई सहयोगी आ चुके हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा गिरफ्तार हो चुके हैं। पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के करीब 37 बैंक खातों से लगभग 12 करोड़ रूपए ईडी ने जब्त किए हैं। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद से भी ईडी ने पूछताछ की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी प्रेम प्रकाश के यहां भी ईडी ने छापेमारी की। इस दौरान ईडी को दो ।ज्ञ-47 राइफल मिली। प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया।



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Samachaar India

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