25 जुलाई को हिमाचल में होगा सेब का ऑनलाइन कारोबार

25 जुलाई को हिमाचल में होगा सेब का ऑनलाइन कारोबार

[ad_1]

हिमाचल। प्रदेश की ई-नाम मंडियों में 25 जुलाई के बाद सेब का ऑनलाइन कारोबार शुरू होगा। वर्तमान में मंडियों में सेब काफी कम मात्रा में बिकने के लिए आ रहा है। जैसे ही सेब तुड़ान में तेजी आएगी, वैसे ही ई-नाम मंडियों में सेब की ऑनलाइन बिक्री आरंभ होगी। सेब बागवानों को करोड़ों की ठगी से बचाने को राज्य में 19 ई-नाम मंडियां बनी हैं। प्रदेश की ई-नाम मंडियों में अभी बागवान मंडियों में सेब लाकर आढ़ती बोली लगाकर सेब बेच रहे हैं। लदानी को आन लाइन कारोबार में बागवानों को चौबीस घंटे के भीतर भुगतान करना जरूरी है। राज्य की ई-नाम मंडियों से कुल 230.98 करोड़ रुपए का ऑनलाइन कोराबार हुआ है। प्रदेश सरकार शीघ्र ही सात और मंडियों को ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ने की कवायद में है। जैसे ही इन मंडियों के लिए केंद्र सरकार से मंजूर राशि मिलेगी तो इनको ई-नाम मंडियों में शामिल किया जाएगा।

सेब बागवानों से हर साल होती है करोड़ों की ठगी
राज्य के सेब बागवानों से पिछले कई साल से आढ़ती और लदानी ठगी करते रहे हैं। कई बार सेब से लदे ट्रक भी गंतव्य स्थल में पहुंचने से पहले ही गायब होते रहे हैं। ऐसी स्थिति बी जब पुलिस छानबीन करती है तो ट्रकों के नंबर जांचने पर ट्रैक्टरों या अन्य वाहनों के नंबर निकलते थे। इसके बाद से सरकार ने सेब की ढुलाई के लिए आने वाले बाहरी राज्यों के ट्रकों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की पहले ही जांच कराना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद से सेब सहित ट्रक और अन्य वाहनों के गायब होने की समस्या से निजात मिली थी। बागवानों से सेब खरीदने के बाद बिना भुगतान किए लदानियों के गायब होने के मामले अब भी सामने आ रहे हैं। कई बागवान पुलिस में मामला दर्ज करा लेते हैं परंतु कई शर्म के मारे आगे नहीं आते।

क्या कहते हैं अधिकारी
हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर कहते हैं कि अभी मंडियों में सेब काफी कम मात्रा में आ रहा है। 25 जुलाई के बाद सेब काफी मात्रा में आने के बाद ई-नाम मंडियों में आन लाइन बिक्री शुरू हो पाएगी। अभी मंडियों में बागवा बोली में ही सेब बेच रहे हैं।

सेब बगीचों में समय से पहले झड़ने लगे पत्ते और फल
 हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। बरसात का सीजन शुरू होते ही बगीचों में सेब के पेड़ों से समय से पहले ही पत्ते और फल झड़ने लगे हैं। बागवानी विभाग से बागवान इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। विभाग ने भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। बागवानों से विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही बगीचों में दवाओं का छिड़काव करने के लिए कहा है।

प्रदेश के कई इलाकों में सेब के पेड़ों से समय से पूर्व पत्ते और फल झड़ने की समस्या से बागवान परेशान हैं। साथ ही फल का आकार भी प्रभावित हो रहा है। जिन पेड़ों के पत्ते सूखकर झड़ रहे हैं, उनके फलों का आकार भी थम रहा है या फिर फल झड़ने की समस्या हो रही है। उधर, बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या का प्रमुख कारण यही है कि बागवान पहले वैज्ञानिक सलाह लिए बिना कई दवाओं को मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव कर रहे हैं। ऐसा करने से पेड़ों के पत्ते पहले पीले होते हैं और फिर गिरने लगते हैं।
 

राज्य के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि बागवानों को वैज्ञानिक सलाह लेकर ही सेब बगीचों में उचित मात्रा में और सही समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए। दवा विक्रेताओं के कहे अनुसार अगर बागवान दवाओं का छिड़काव करते हैं तो नुकसान होगा। उन्होंने बागवानों को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह लेकर ही सही मात्रा में सही दवा का छिड़काव करने को कहा है। इससे बगीचों में फलदार पेड़ सुरक्षित रहेंगे और सेब की पैदावार भी अच्छी मिलेगी। उनका कहना है कि जुब्बल कोटखाई, रोहडू, कलबोग, सुमैन, बागी और रतनाड़ी आदि क्षेत्र के बागवान पेड़ों के पत्ते और सेब झड़ने की शिकायत कर रहे हैं।

 



[ad_2]

Source link

Samachaar India

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *