आस्था का केंद्र बाबा नीम करौली के दरबार में देखने को मिला अद्भुत नजारा, भक्तों का उमड़ा सैलाब
देहरादून। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर आस्था का केंद्र बाबा नीम करौली के दरबार कैंची धाम में अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से शाम तक बाबा भक्तों का सैलाब उमड़ा। लेकिन भक्तों की भीड़ खुद नियंत्रित होती चली गई। ऐसा लगा स्वंय बाबा ने व्यवस्थाएं संभाल रखी है। बाबा के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने बाबा के दर पर मत्था टेका। सुबह तकरीबन चार बजे से ही कैंची धाम स्थित बाबा नीम करौली आश्रम में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरु हो गया। दिन चढऩे के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में पहुंच गई। देर शाम तक मंदिर से अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे तक बाबा भक्तों की कतार लगी रही। सभी व्यवस्थाएं नियंत्रित होती चली गई ऐसा लगा मानो खुद साक्षात खुद बाबा ने व्यवस्था संभाल रखी हो। बाबा भक्तों ने नीम करौली के जयकारों के साथ पूजा अर्चना कर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
देश प्रदेश की सुख शांति व समृद्धि को विशेष प्रार्थना हुई। पुलिस टीम भी दिनभर हाइवे पर मुस्तैद रही। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर रुट डायवर्ट किए जाने से व्यापारियों ने गहरी नाराजगी जताई है। आरोप लगाया की रुट डायवर्ट किए जाने से कारोबार ठप हो जा रहा है। आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापारियों ने यातायात व्यवस्था को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि मनमानी की गई तो व्यापारियों आंदोलन करने को बाध्य होंगे। दरअसल हाईवे पर स्थित कैंची धाम में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से यातायात व्यवस्था बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हालांकि मंदिर के समीप पार्किंग भी तैयार कर ली गई है, बावजूद हाइवे पर जाम की स्थिति बनी रहती है।
हाईवे पर जाम न लगे इसके लिए पुलिस प्रशासन भवाली व क्वारब से रुट डायवर्ट कर देता है। शनिवार को भी रुट डायवर्ट कर दिया गया। यात्री वाहनों की आवाजाही न होने गरमपानी, खैरना, छड़ा, लोहाली, रामगाढ़, चमडिय़ां, काकड़ीघाट, सुयालबाडी़ आदि क्षेत्रों में होटल व्यवसाय से जुटे कारोबारियों का कारोबार प्रभावित हुआ। व्यापारी नेता मनीष तिवारी, दीवान सिंह, चंदन सिंह, पंकज नेगी, विरेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र सिंह, संजय सिंह, कुबेर सिंह जीना आदि का कहना है कि यात्री वाहनों पर ही उनका व्यवसाय चलता है। ऐसे में स्ट डायवर्ट करने से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। उन्होंने स्ट डायवर्ट करने के बजाय यातायात व्यवस्था में सुधार को ठोस नीति बनाने की मांग की है।