उत्तराखंड विधानसभा भर्तियों की जांच के लिए कमेटी गठित, स्पीकर रितु खंडूड़ी बोलीं-न खाऊंगी न खाने दूंगी, मैं किसी को भी निराश नहीं करूँगी, सबके साथ न्याय होगा..
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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विधान प्रदेश का सर्वाेच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाये व बचाये रखना मेरा दायित्व ही नहीं मेरा कर्तव्य भी है। एक बात मैं स्पष्ट रूप से प्रदेशवासियों को और खासतौर पर उत्तराखण्ड के युवा वर्ग को कहना चाहूँगी, वह आश्वस्त रहें, मैं किसी को भी निराश नहीं करूँगी, सबके साथ न्याय होगा।
मेरे लिये सदन की गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है इसको बनाए रखने के लिये कितने ही कठोर व कड़वे निर्णय लेने हों, मैं पीछे नहीं हटूंगी। विधान सभा परिसर लोकतन्त्र का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता मुझे स्वीकार्य नहीं है। विधान सभा व प्रदेश के हित में मुझे जितने भी रिफॉर्म्स विधान सभा में करने पडें मैं उसके लिये तैयार हूँ । मेरे सार्वजनिक जीवन की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर हुई। मुझे याद है उन्होंने कहा था ष्ना खाऊंगा ना खाने दूंगा इसी ध्येय को मैंने भी अपने जीवन में उतारा है।
मीडिया व अन्य विभिन्न स्रोतों से विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों/अधिकारियों की विधि एवं सेवा नियमों के विरूद्ध नियुक्तियों / पदोन्नति के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर जनहित में मैंने आज दो बड़े निर्णय लिये हैं।
1. विशेषज्ञ जांच समिति गठित की गयी है जिसमें (क) दिलीप कुमार कोटिया (अध्यक्ष) (ख) सुरेन्द्र सिंह रावत सदस्य एवं (ग) अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं। सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं एवं प्रदेश के वह इस मामले के विशेषज्ञ हैं। इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिया है कि विशेषज्ञ समिति अधिकतम एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन, जांच रिपोर्ट / सुझाव उपलब्ध करायेगी।
2. दूसरा निर्णय यह किया है कि वर्तमान विधान सभा सचिव (मुकेश कुमार सिंघल) तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर रहेंगे। उक्त अवकाश की अवधि में विशेषज्ञ समिति, मुकेश कुमार सिंघल सचिव को जांच में सहयोग हेतु उपस्थित होने के लिये जब-जब कहेगी तो उन्हें ऐसे निर्देशों का पालन करना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने विधानसभा भर्तियों में घोटाले के मामले में तीन सदस्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक माह के भीतर विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच रिपोर्ट देगी। समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह को सदस्य शामिल किया गया। विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को जांच तक लंबी छुट्टी पर भेजा गया है, लेकिन उन्हें जांच समिति को सहयोग करने के लिए वह उपस्थित रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैक डोर भर्तियों को लेकर विधानसभा की गरिमा को आहत पहुंची है। इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जितने भी बदलाव करने पड़े करुंगी। उन्होंने सही जांच का भरोसा दिलाया। कहा कि न खाऊंगी और न खाने दूंगी।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में भर्तियों को लेकर जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच समिति वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 2011 तक विधानसभा में भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली लागू थी। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ समिति इसकी भी जांच करेगी। वहीं विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह मामले से भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे कमेटी पर भरोसा नहीं है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूडी पूर्व सीएम भुवन चंद खंडूडी की बेटी है। जिनकी छवि एक बहुत ही ईमानदार व्यक्ति के रूप में देखी जाती है। मैं उम्मीद करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भी अपने पिता की तरह ईमानदारी से इस जांच को कराएंगी।
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