अंतर्राष्ट्रीय

जंग की आहट: चीन के लिए ताइवान पर जीत आसान नहीं, गुरिल्ला युद्ध में माहिर हैं 35 लाख ताइवानी

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बीजिंग । चीन की तमाम धमकियों के बावजूद नैंसी पेलोसी ताइवान आईं और पूरा एक दिन गुजारकर वापस चली गईं। एक्सपर्ट आशंका जता रहे हैं कि पेलोसी की यात्रा से बौखलाया चीन अब ताइवान पर हमला भी कर सकता है। चीनी सेना ने ताइवान के चारों तरफ मिलिट्री ड्रिल भी शुरू कर दी है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर डॉनल्ड रॉथवेल डी डब्ल्यू से कहते हैं कि नैंसी पेलोसी का ताइवान जाना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व को चुनौती है। इसी साल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस होनी है। जिसमें शी जिनपिंग लगातार तीसरा राष्ट्रपति कार्यकाल पाने का दावा करेंगे। ऐसे में पेलोसी की यात्रा शी के दावे को कमजोर करने की है, इसलिए वह इस कदम का कड़ा जवाब दे सकते हैं। पेलोसी के जाते ही चीन ने नॉर्थ, साउथ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट में ताइवान के जल और हवाई क्षेत्र में मिलिट्री ड्रिल, यानी सैन्य अभ्यास की घोषणा कर दी है। चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि असली हथियारों और गोला-बारूद से ये अभ्यास इस पूरे हफ्ते तक किया जाएगा। ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शीयी ने कहा कि सैन्य अभ्यास के दौरान लॉन्ग रेज लाइव फायर शूटिंग की जाएगी। साथ ही मिसाइल का भी टेस्ट होगा।

चीन की मिलिट्री ने लाइव फायर एक्‍सरसाइज के तहत गुरुवार को एक रॉकेट दागा। इन रॉकेट्स को ताइवान स्‍ट्रैट्स पर लॉन्‍च किया गया। इन्‍हें दागने का मकसद ताइवान को निशाना बनाना है। जो रॉकेट चीन की तरफ से दागा गया है उसकी रेंज 350 किलोमीटर है। चीन की स्‍थानीय मीडिया की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की तरफ से बताया गया है कि जो मिलिट्री ड्रिल ताइवान के करीब हो रही है उसके तहत समुद्र से लेकर जमीन और हवा में भी ताइवान की घेराबंदी की जा रही है। ड्रिल में चीन की सेनाएं जे-20 स्‍टेल्‍थ फाइटर जेट्स से लेकर डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल तक का प्रयोग कर रही हैं।

चीन का मिस्‍ट्री वेपन
जो रॉकेट चीन ने दागा है, उसे रक्षा विशेषज्ञों ने एक मिस्‍ट्री वेपन करार दिया है। इस रॉकेट सिस्‍टम को उस समय टेस्‍ट किया गया था जब भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी था। चीन ने पिछले दिनों ही इसे लद्दाख के करीब टेस्‍ट किया था। इसकी अधिकतम रेंज 500 किलोमीटर बताई जा रही है लेकिन इस पर थोड़ा संदेह जताया गया है। कुछ लोग इसकी रेंज 350 किलोमीटर बताते हैं। पीसीएल-191 ट्रक लान्‍च रॉकेट सिस्‍टम है जो 370 एमएम के रॉकेट्स को आसानी से लॉन्‍च कर सकता है। इस सिस्‍टम पर 350 किलोमीटर की रेंज वाले आठ रॉकेट्स कैरी किए जा सकते हैं या फिर 750 एमएम वाले फायर ड्रैगन 480 टैक्टिल बैलेस्टिक मिसाइल्‍स को कैरी कर सकता है। ये मिसाइलें 500 किलोमीटर से ज्‍यादा की रेंज वाले हैं। इस रॉकेट सिस्‍टम की झलक, चीन ने सबसे पहले साल 2019 में नेशनल डे परेड के दौरान दुनिया को दिखाई थी। इस सिस्‍टम को पीएलए का सबसे एडवांस्‍ड सिस्‍टम करार दिया जा रहा है। इससे अलग ग्‍लोबल टाइम्‍स की तरफ से बताया गया है कि पीएलए की ईस्‍टर्न कमांड रॉकेट फोर्स ने कई तरह की पारंपरिक मिसाइलों को ताइवान के पूर्व में कई चिन्हित हिस्‍सों की तरफ दाग दिया है। सीसीटीवी की तरफ से जारी एक वीडियो में बताया गया था कि ये एक मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल है। इस वीडियो को 1 अगस्‍त को जारी किया गया था। पीएलए के साथ मिलकर इस वीडियो को उस मौके पर सामने लाया गया था जब पीएलए अपना 95वां स्‍थाना दिवस मना रही थी।



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