मंगल रहा अमंगल : हादसों के बाद फुल एक्शन मोड में दिखे सीएम धामी, पल-पल का अपडेट ले गुजारी रात , सुबह घटना स्थल पहुंच ली जानकारी
देहरादून। उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है। यहां प्राकृतिक आपदाओं को आने से रोका नहीं जा सकता लेकिन आपदा या हादसे के बाद तत्परता दिखा कर इससे होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। और ऐसा ही कर दिखाया है सीएम पुष्कर सिंह धामी ने। मंगलवार का दिन उत्तराखंड के लिए कई मायनों में अमंगल रहा। शुरुआत उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन होने और इसके चपेट में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 41 सदस्यों के आने से हुई। द्रौपदी का डांडा चोटी का आरोहण कर लौट रहा ये दल अचानक आए बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। दूसरा हादसा पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम सिमड़ी में एक बस के अनियंत्रित हो कर खाई में गिरने के कारण हुआ। इन दोनों हादसों ने सीएम धामी समेत पूरे उत्तराखंड को सदमे में डाल दिया।
लेकिन सीएम धामी ने एकबार फिर अपने धीर गंभीर व्यक्तित्व का परिचय देते हुए तुरंत हालातों को समझा और त्वरित फैसले लिए। उत्तरकाशी जिले में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी। ठीक इसी प्रकार मंगलवार शाम जिस समय सीएम को सिमड़ी हादसे की जानकारी मिली उस समय वो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ सेना के एक विशिष्ट कार्यक्रम में शामिल थे। हादसे की सूचना पा वो तुरंत कार्यक्रम से निकले और सीधा सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम जा पहुंचे। उन्होंने स्वयं ग्राउंड जीरो पर पहुंचे लोगों से दुर्घटना के बारे में जानकारी ली और राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। सीएम धामी देर रात तक मोर्चे पर डटे रहे और पल-पल का अपडेट लेते रहे। उन्होंने अगले दिन के सारे सरकारी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए। सीएम के खुद इस लेवल पर एक्टिव रहने के असर ये हुआ कि SDRF, पुलिस, जिला प्रशासन की टीमों ने रात को ही युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया जिस से कई लोगों की जान बचाने में सहायता मिली।
निश्चित ही इन हादसों के कारण पूरा प्रदेश गमगीन है लेकिन जिस प्रकार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे बढ़ कर स्थिति को संभालने के प्रयास किए हैं वो प्रसंशनीय हैं। सीएम धामी प्रदेश के लिए इस प्रकार से 24X7 उपलब्ध रहने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं और वो जन आकांक्षाओं पर निरंतर खरे उतरते जा रहे हैं।
“जो तूफानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं…”