सासंद नरेश बंसल बोले स्वच्छता हमारी नैतिक जिम्मेदारी, आओ मिलकर देहरादून को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाएं
देहरादून । सांसद राज्य सभा नरेश बंसल ने स्वच्छ वार्ड सुंदर दून अभियान के अंतर्गत देहरादून के वार्ड संख्या 25, इंद्रेश नगर मे स्वच्छता अभियान मे प्रतिभाग किया । सांसद बंसल ने देहरादून के महापौर सुनील उनीयाल गामा जी,स्थानिय पार्षद,स्वच्छता मित्रो व अन्य कार्यकर्ताओ संग प्रतिभाग किया ।।
इस अवसर पर सांसद नरेश बंसल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने हेतु अपने घर,अपने शहर,अपने राज्य की खुशहाली के लिए स्वच्छता मे सभी के प्रतिभाग की आवश्यकता है । सासंद बंसल ने कहा कि हम बहुत सारी सफाई अपने अपने घर में करते हैं। हम इसे अपने क्षेत्रों में भी करें और ऐसी जगह चुने जहां हमेशा कूड़ा पड़ता है। वहां पर वयवस्थाएं भी खड़ी करनी है कि वहां पर कूड़ादान लगे और लोग भविष्य में सड़क पर कूड़ा ना फेकें।सांसद बंसल ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की कल्पना प्रधानमंत्री ने देश के सामने रखी और देश उससे जुड़ा है और हमने इससे बहुत बड़ा बदलाव भी देश में देखा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का परिणाम अभी घोषित नहीं हुआ है। शहरी मंत्रालय में स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए तैयारी के लिए प्रोटोकॉल और टूलकिट जारी कर दिए हैं। इस वर्ष मूल्यांकन प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। स्वच्छता एप पर शहर में 2% आबादी को इंस्टॉल करवाना अनिवार्य है। इस एप का फायदा नागरिकों के साथ नपा को भी होगा। इस वर्ष मूल्यांकन 9500 अंकों के आधार पर किया जाएगा। वर्ष 2022 में मूल्यांकन 7500 अंकों के आधार पर किया गया था। सर्वेक्षण मूल्यांकन के लिए जो मापदंड तय है उनमें जल प्रबंधन, सफाई मित्र सुरक्षा, प्रमाणीकरण, सिटीजन वॉइस शामिल है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों का जागरूक होना आवश्यक है और विभिन्न स्तर पर इस और काफी काम हो रहा है ।
सासंद ने कहा कि इस इस सर्वेक्षण मे अगर शहर में कही रेड स्पॉट होता है गुटका थूकने का निशान जो विभिन्न सार्वजनिक जगह, हॉस्पिटल, स्कूल हो या गार्डन सभी जगह यह निशान दिखाई देंते है ,लेकिन अब इन निशानों की वजह से शहर देशभर में गंदगी की श्रेणी में गिना जाएगा क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण में जैसे पहले येलो स्पॉट के कारण नंबर काटे जाते थे उसी प्रकार अब रेड स्पॉट के नंबर भी कटेंगे ।
यह देखा गया कि जब भी एसएस सर्वेक्षण शुरू होता है, तो शहरों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का स्तर बढ़ जाता है और सर्वेक्षण किए जाने के महीनों के दौरान शहर साफ-सुथरे दिखाई देते हैं. इसलिए, एसएस 2023 में, पहले के आयोजनों के दौरान 3 चरणों के बजाय 4 चरणों में मूल्यांकन किया जाएगा और चरण 4 के अलावा चरण 3 में भी नागरिक सत्यापन और प्रसंस्करण सुविधाओं का क्षेत्र मूल्यांकन शुरू किया जा रहा है. एसएस 2023 की थीम ‘वेस्ट टू वेल्थ’ है और यह स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 अपशिष्ट प्रबंधन में सर्कुलरिटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो मिशन के तहत प्रमुख उद्देश्यों में से एक है.स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के माध्यम से शहरों के अंदर वार्डों की रैंकिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. शहरों के मेयरों को रैंकिंग में भाग लेने और सबसे स्वच्छ वार्डों को सम्मानित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उपरोक्त के अलावा शहरों को ‘खुले में शौच’ (येलो स्पॉट) और ‘खुले में थूकने’ (रेड स्पॉट) के मुद्दों पर समर्पित संकेतकों पर भी मूल्यांकन किया जाएगा, जिनका शहरों को सामना करना पड़ रहा है. साथ ही साल 2022 में सर्वेक्षण 7500 अंकों का था जो इस बार 9500 अंकों के आधार ओर होगा. इसमें सर्विस आधारित प्रोग्रेस 3000 की जगह 4525 अंक, सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक, सिटीजन फीडबैक पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गई है।