श्रीनगर गढ़वाल में मरीजों के लिए देवदूत से कम नहीं है डॉ लोकेश सलूजा और उनकी टीम, जटिल ऑपरेशन कर बचा चुके हैं अब तक कई मरीजों की जिंदगी

श्रीनगर गढ़वाल में मरीजों के लिए देवदूत से कम नहीं है डॉ लोकेश सलूजा और उनकी टीम, जटिल ऑपरेशन कर बचा चुके हैं अब तक कई मरीजों की जिंदगी

श्रीनगर गढ़वाल। पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में स्थित महिला राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम अपनी कार्यशैली को लेकर आजकल चर्चाओं में है। पहाड़ के मरीजों के लिए देवदूत बनी यह टीम अब तक जटिल ऑपरेशन कर कई मरीजों की जान बचा चुकी है। टीम लीडर डॉ लोकेश सलूजा के साथ है मेहनती और लगनशीन डॉक्टरों की पूरी टीम। जो पहाड़ में पूरे सेवा भाव से अपने कार्यों को अंजाम दे रही है।
इस टीम में सर्जन डॉ लोकेश सलूजा, डॉ सुनील, गायनोक्लाजिस्ट डॉ सोनाली, डॉ मोरीसा, डॉ आनंद सिंह राणा के साथ ही इस टीम का मजबूत स्तंभ रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग शामिल हैं। एक बार फिर इस टीम ने जटिल ऑपरेशन कर एक महिला की जान बचाई है।

आपको बता दें बीते सात-आठ महीनों से नेपाल मूल की एक महिला पेट दर्द से परेशान थी, जब धीरे-धीरे पेट दर्द की शिकायत बढ़ने लगी व ब्लिडिंग होने लगी तो महिला राजकीय संयुक्त उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल पहुॅची। यहॉ रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग ने महिला का अल्ट्रासांउड किया तो महिला के पेट में रसौली होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद महिला को आपरेशन करने की सलाह दी गई। उप जिला अस्पताल श्रीनगर में करीब 4 घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने महिला के पेट से करीब साढ़े चार किलो की रसौली को बाहर निकाला। वहीं ऑपरेशन के बाद महिला स्वस्थ है।

आपरेशन के बाद निकाला 4 चार किलो की रसौली
राजकीय संयुक्त उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर के सर्जन डॉ लोकेश सलूजा ने बताया कि 50 वर्षीय महिला बीते लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थी। वह पेट दर्द की शिकायत लेकर जांच के लिए डॉ सोनाली के पास पहुॅची। जब डॉ सोनाली द्वारा महिला को अल्ट्रासाउंड जॉच करवाने के लिए कहा गया। ेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग ने महिला का अल्ट्रासांउड किया तो महिला के पेट में रसौली होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया।

बताया कि सर्जन डॉ लोकेश सलूजा, डॉ सुनील, गाइनोक्लोजिस्ट डॉ सोनाली द्वारा महिला का ऑपरेशन शुरू किया गया। वहीं महिला के पेट में रसौली से मल्टीपल फायब्राइड बन चुके थे जो बच्चे दानी तक पहुंच चुका था। बताया कि महिला के पेट में एक से अधिक छोटी-छोटी कई रसौली बन चुकी थी। 4 घंटे की कड़ी मसक्कत के बाद महिला के पेट से साढ़े 4 किलों की रसौली को बाहर निकाला गया। वहीं महिला अब पूरी तरह ठीक है।

डॉ लोकेश सलूजा ने बताया कि अगर समय पर रसौली को महिला के पेट से बाहर नहीं निकाला जाता तो भविष्य में कैंसर का खतरा भी बन सकता था। वहीं महिला अब पूरी तरह ठीक है। डॉ सलूजा ने बताया कि अगर समय पर रसौली को महिला के पेट से बाहर नहीं निकाला जाता तो भविष्य में कैंसर का खतरा भी बन सकता था।

आपरेशन करने वालों में कि सर्जन डॉ सुनील, गायनोक्लाजिस्ट डॉ सोनाली, डॉ लोकेश सलूजा, डॉ मोरीसा, डॉ आनंद सिंह राणा शामिल थे।

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