कमजोर हो रहा पाकिस्तान, बाजवा पर भड़के इमरान बोले- आर्मी चीफ का काम मुल्क के लिए उधार मांगना नहीं

कमजोर हो रहा पाकिस्तान, बाजवा पर भड़के इमरान बोले- आर्मी चीफ का काम मुल्क के लिए उधार मांगना नहीं

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नई दिल्ली। पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया है। उनके इस तरह से संपर्क करने पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्‍हें जमकर फटकारा है। बाजवा ने अमेरिकी अधिकारियों से अपील की है कि वो आईएमएफ से मिलने वाला फंड जल्‍दी रिलीज करवा दें। इमरान ने कहा कि आईएमएफ के अधिकारी भी अब पाकिस्‍तान सरकार पर भरोसा नहीं करते । इमरान ने फिर से आरोप लगाया कि उनकी सरकार को एक साजिश के तहत गिराया गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल बाजवा ने 1.2 बिलियन डॉलर फंड की मांग की है

इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को जमकर फटकार लगाई है। उन्‍होंने कहा है कि जनरल बाजवा ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया है। यह बताता है कि देश दिन पर दिन कमजोर हो रहा है। आपको बता दें कि जनरल बाजवा ने अमेरिका में अधिकारियों से मुलाकात की है। उनकी इस मुलाकाम का मकसद अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से मिलने वाले कर्ज को जल्‍द से जल्‍द रिलीज कराने की अपील करना था। इमरान खान ने इस पूरे मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने एक टीवी चौनल को दिए इंटरव्‍यू में कहा कि ये मुलाकात बताती है कि श्देश दिन पर दिन कमजोर होता जा रहा है। इमरान की मानें जो ये जनरल बाजवा का काम नहीं है कि वो अर्थव्‍यवस्‍था से निपटे। इसके साथ ही उन्‍होंने ये सवाल भी किया कि क्‍या अमेरिका ने मदद के बदले पाकिस्‍तान के सामने कोई मांग भी रखी है?

इमरान ने कहा कि जनरल बाजवा की मीटिंग ये बताने के लिए काफी है कि अमेरिका में बैठे आईएमएफ के अधिकारी भी अब इस सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं। इसलिए ही जनरल बाजवा ने अब जिम्‍मेदारी अपने कंधों पर ले ली है। इमरान ने ये भी कहा है कि अगर देश में जल्‍द और निष्‍पक्ष चुनाव होते हैं और उनकी सरकार बनती है तो फिर सेना के शासन में बदलाव होगा। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में हर जगह पर बदहाली का आलम है जिसकी वजह सिर्फ राजनीतिक अस्थिरता है। इमरान ने फिर से आरोप लगाया कि उनकी सरकार को एक साजिश के तहत गिराया गया है।

इमरान की मानें तो ये साजिश ऐसे समय में अंजाम दी गई जब वैश्विक संकट राजनीतिक अस्थिरता की वजह बना और इसकी वजह से देश में आर्थिक अस्थिरता पैदा हुई। उन्‍होंने कहा कि जब उनकी सरकार को गिराया गया तोदेश आर्थिक तरक्‍की के रास्‍ते पर था और हर सेक्‍टर स्थिर था। निक्‍केई एशिया की तरफ से शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्‍तान के सबसे ताकतवर शख्‍स ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई है। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत ही खराब स्थिति में है और अगर देश को डिफॉल्‍ट होने से बचना है तो जल्‍द कुछ करना होगा। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जनरल बाजवा ने 1.2 बिलियन डॉलर फंड की मांग की है।

इमरान ने देश में जल्‍द चुनाव कराने की मांग की है। लेकिन साथ ही ये भी कहा कि देश के शासक जल्‍द चुनाव कराने से डर रहे हैं। उनके शब्‍दों में, श्जिस समय साजिश की गई और अवश्विास प्रस्‍ताव लाया गया तो उस समय मैंने देश में चुनाव का ऐलान कर दिया था। मैं चाहता था कि पाकिस्‍तान की जनता यह तय करे कि देश पर कौन राज करेगा। अगर ऐसा होता हम देश को तबाह होने से बचा सकते थे।श् इमरान की मानें तो वर्तमान सरकार के पास देश को आर्थिक तरक्‍की पर ले जाने का कोई प्‍लान ही नहीं है।

इमरान ने वित्‍त मंत्री मिफ्ताह इस्‍माइल का नाम लिया और कहा कि उनके बयान से साफ होता है कि उनके पास कोई नीति है ही नहीं। इमरान की मानें तो आईएमएफ के साथ-साथ किसी को भी इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। इमरान ने इस इंटरव्‍यू में ये दावा भी किया है कि पा‍किस्‍तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वाइस प्रेसीडेंट मरियम नवाज खुद भी देश में जल्‍द चुनाव चाहती हैं। इमरान ने चेतावनी दी है कि देश में अब अगर और महंगाई हुई तो देश को सरकार की नीतियों की वजह से और ज्‍यादा बुरे प्रभावों के लिए तैयार रहना होगा।



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Samachaar India

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